असम ब्यूरो : कांग्रेस की असम इकाई ने शुक्रवार को अपने विधायक शर्मन अली अहमद को राज्य में उपचुनावों से पहले हाल मेंगोरुखुटी बेदखली अभियान के संदर्भ में पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ बयान देने के लिएकारण बताओ नोटिस जारी किया. कांग्रेस ने यह भी कहा कि आरोप लगे हैं कि अहमद भाजपा के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं औरमुख्यमंत्री से उनकी निकटता के कारण इस तरह की टिप्पणी करने के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि कांग्रेस को खासकरचुनाव के दौरान नुकसान हो सके.
कांग्रेस की असम इकाई की महासचिव बबीता शर्मा ने बाघबोर के विधायक को नोटिस जारी कर जानबूझकर अपने बयानों के जरिएकांग्रेस की साख घटाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के समक्ष स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा है. विधायक की टिप्पणियों नेराज्य में एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा कर दिया है. कई संगठनों ने राज्य भर के कई थानों में शिकायत दर्ज कराई है. अहमद ने कथिततौर पर यह टिप्पणी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं के इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कीथी कि दरांग जिले के सिपाझार इलाके में कथित अतिक्रमणकारियों ने छह साल के असम आंदोलन के दौरान 1983 में आठ लोगों कीहत्या की थी.
अहमद ने दावा किया कि 1983 के आंदोलन के दौरान मारे गए आठ लोग शहीद नहीं बल्कि हत्यारे थे, क्योंकि वे सिपाझार क्षेत्र केअल्पसंख्यक समुदाय के अन्य लोगों को मारने में शामिल थे, जहां गोरुखुटी स्थित है. हत्याओं को सही ठहराते हुए अहमद ने कथित तौरपर कहा कि आठ लोगों पर हमला उस क्षेत्र की मुस्लिम आबादी द्वारा आत्मरक्षा में उठाया गया कदम था.