सभी अस्पतालों में कोरोना को लेकर अलर्ट, 30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड हर मेडिकल कॉलेज में तैयार रखने के निर्देश

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को पूरी तैयारी रखने को कहा गया है

सभी अस्पतालों में कोरोना को लेकर अलर्ट, 30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड हर मेडिकल कॉलेज में तैयार रखने के निर्देश

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को पूरी तैयारी रखने को कहा गया है.

हिमांशु शर्मा की रिपोर्ट,लखनऊ: कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी कर दिया है. सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों को पूरी तैयारी रखने को कहा गया है. हर मेडिकल कॉलेज में इसके लिए डेडीकेटेड कोविड वार्ड रखा गया है, जबकि अन्य सरकारी अस्पतालों में केस बढ़ने पर 10 फीसदी बेड रिजर्व करने के निर्देश दिए गए हैं. बुधवार को राज्य में 170 कोरोना संक्रमित मिले। यूपी में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 856 हो गई है।

पिछले एक हफ्ते में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। इसमें सबसे ज्यादा 467 मामले गौतमबुद्ध नगर में हैं। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा भी नियमित निगरानी शुरू कर दी गई है। हालांकि, कोरोना संक्रमितों को फिलहाल अस्पताल की जरूरत नहीं है। संक्रमित होने पर लोग होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। मेडिकल कॉलेजों में 30 बेड का डेडीकेटेड कोविड वार्ड तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। इस वार्ड में अगर 15 मरीज भर्ती हैं तो 30 बेड का दूसरा वार्ड डेडीकेटेड कर दिया जाएगा।

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540 ऑक्सीजन संयंत्र चालू किए गए हैं

मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ का प्रशिक्षण पहले ही हो चुका है। हर जगह ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता भी है। प्रदेश में करीब 540 ऑक्सीजन प्लांट चालू किए जा चुके हैं। मेडिकल कॉलेजों और अन्य सरकारी अस्पतालों में भी पीकू वार्ड बनाए गए हैं। पीकू बेड की संख्या अब बढ़कर 6700 हो गई है।

चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. एनसी प्रजापित ने कहा, ‘कोरोना के मामले जरूर बढ़े हैं लेकिन लोगों को अस्पताल की जरूरत नहीं है। फिर भी सभी मेडिकल कॉलेज हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. वेदव्रत सिंह ने कहा, ‘कोरोना को लेकर कोई दहशत की स्थिति नहीं है। ऐसे में गैर-कोविड मरीजों का इलाज प्रभावित नहीं हो रहा है। जरूरत पड़ने पर 10 फीसदी बेड कोविड मरीजों के लिए समर्पित किए जाएंगे।

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