4 को फांसी और 2 को उम्र कैद के साथ 2 को 10 साल एवं एक दोषी को 7 साल की सजा

गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामला: वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जजमेंट की कॉपी मिलने के बाद इस पर किसीतरह की टिप्पणी करेंगे..पर इस जजमेंट के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील जरूर करेंगे। 27 अक्टूबर को 10 मे से 9 आरोपीको ठहराया था दोषी

बिहार ब्यूरो : गांधी मैदान बम ब्लास्ट मामला में कोर्ट ने अपना फैसला सजा सुना दी गई है।कुल 9 दोषी में से 4 कोफांसी 2 को उम्रकैद और 2 को 10 साल की सजा और एक को 7 साल की सजा सुनाई गई है। एनआईए के विशेष जजगुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है।हैदर अली, नोमान अंसारी, मो मुजीबुल्लाह अंसारी औरइम्तियाज अंसारी को फांसी की सजा सुनाई गई है।इनलोगों को 5 अलग अलग धारा में सजा सुनाई गई है और आर्थिकजुर्माना लगाया गया है।

इसके साथ ही उमर सिद्दिकी और अजहरुद्दीन कुरैसी को आजीवन कारावास,अहमद हुसैन और फिरोज आलम को 10 साल एवं मोहम्मद इफ्तिखार आलम को 7 साल की सजा सुनाई गई है।

वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जजमेंट की कॉपी मिलने के बाद इस पर किसी तरह की टिप्पणी करेंगे..पर इसजजमेंट के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील जरूर करेंगे। 27 अक्टूबर को 10 मे से 9 आरोपी को ठहराया था दोषी

गौरतलब है कि एनआईए कोर्ट ने 27 अक्टूबर को इस मामले 10 में से 9 आरोपी को दोषी करार दिया था और एक कोबरी कर दिया था,और 1 नवंबर का दिन सजा के बिंदु के लिए निर्धारित किया था।मालूम हो कि गांधी मैदान में भाजपा कीहुंकार रैली के दौरान 27 अक्टूबर 2013 को सीरियल बम ब्लास्ट में कई लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हुए थे इसमामले की जांच करने के बाद एनआईए ने 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था और कोर्ट ने 27 अक्टूबर2021 को फैसला सुनाते हुए 10 में से एक अभियुक्त फखरुद्दीन को बरी कर दिया था और 9 अभियुक्त को दोषी करारदिया था।

जिन दोषियों के खिलाफ आज सजा हुई है.उसमें हैदर अली, नोमान अंसारी, मो मुजीबुल्लाह अंसारी, उमर सिद्दिकी, अजहरुद्दीन कुरैसी, अहमद हुसैन, मोहम्मद फिरोज आलम, मोहम्मद इफ्तिखार आलम इम्तियाज अंसारी है।

भाजपा की हुंकार रैली के दौरान हुआ था ब्लास्ट

दरअसल पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा की हुंकार रैली आयोजित थी।इस रैली के मुख्य वक्तातत्कालीन गुजरात के सीएम और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थे।इसी रैली को टारगेट करके आतंकियों ने इस घटनाकी साजिश रची थी और पटना स्टेशन से लेकर गांधी मैदान तक एक के बाद एक सीरियल धमाके किए थे। इसमें कुल10 लोगों की मौत हो गयी थी और सैकड़ों लोग घायल हो गये थे. उस दिन पटना जंक्शन पर भी विस्फोट हुआ था. आतंकी की गलती से मानव बम जंक्शन के शौचालय में फट गया था. कहा गया था कि मानव बम द्वारा पीएम उम्मीदवाररहे वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के वाहन उड़ाने की साजिश थी.इस घटना के बाद गांधी मैदान पटना रेल थाने में केस दर्जकिया गया था, लेकिन बाद में केस को एनआइए को सौंप दिया गया था.गौरतलब है कि विस्फोट के बाद भी नरेन्द्र मोदी नेरैली को संबोधित किया था।

NIA ने कुल 11 को बनाया था आरोपी

इस आतंकी घटना की एनआईए की स्पेशल कोर्ट बीते आठ वर्षों से इस मामले में सुनवाई कर रही थी. इस कांड मेंएनआईए ने कुल 11लोगो को आरोपी बनाया था। एक आरोपी के नाबालिग होने की वजह से अलग से सुनवाई की गयी. शेष 10 आरोपितों के खिलाफ अभियोजन पक्ष ने गवाही कराई थीकोर्ट ने 10 में से 9 आरोपी को दोषी ठहराया था औरएक आरोपी को बरी कर दिया था।एनआईए ने इस मामले में वर्ष 2014 में आरोप पत्र समर्पित किया था। मामले कीसुनवाई के दौरान अभियोजन ने अपना मुकदमा साबित करने के लिए कुल 187 गवाहों को पेश किया था।

हमारी कोशिश है किआपके पास सबसे पहले जानकारी पहुंचे. इसलिए आपसे अनुरोध है कि सभी बड़े अपडेट्सजानने केलिए नीचे दीया गया लिंक के लाइक फॉलो और सब्सक्राइब कर लें.

(देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, और हमें Twitter और YouTube पर फॉलोकरें)

Exit mobile version