तीर्थंकर मुखर्जी, कोलकाता : लंबी पूछताछ के बाद उक्त 1. कैशियर अतरुल हुसैन, 2. मैनेजर अरिजीत भौमिक और 3. कैजुअल स्टाफ चंद्रशेखर बर्मन से अतरुल हुसैन ने कबूल किया कि उसने कुछ समय के लिए बैंक से धीरे–धीरे और तेजीसे पूरा कैश निकाला। इस पैसे को उसने घाटे में चल रहे कारोबार में निवेश किया।
इसके अलावा, प्रबंधक और आकस्मिक कर्मचारी (चंद्र शेखर बर्मन) दोनों ही अपराध के इस सुनियोजित और नकलीकार्य के बारे में तथ्य से अवगत थे। उन्होंने कथित अपराध के बारे में अपने बयानों में कैशियर का समर्थन करके और उक्तकैशियर द्वारा इस तरह के दुरुपयोग के बारे में अपनी जानकारी को छुपाकर बैंक की इतनी बड़ी राशि के नकद केदुरुपयोग में सहायता की।
हालांकि, उन सभी ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि अपराध स्वयं कैशियर द्वारा किया गया था जिसे अन्य दो ने समर्थनदिया था।